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COMPUTER MEMORY

Introduction : COMPUTER MEMORY

कम्प्यूटर में मेमोरी का प्रयोग डाटा, और प्रोग्रामो को स्थायी या अस्थायी तौर पर Store करने के लिए किया जाता है जिससे प्रोसेसिंग के समय या बाद में किसी समय आवश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जा सके। मेमोरी का प्रयोग Processing के बाद प्राप्त Result को Store करने के लिए भी किया जाता है। इस तरह Memory कम्प्यूटर का एक आवश्यक Part है। Computer Memory को दो भागो में बांटा जा सकता है।

1. Primary Memory

2. Secondary Memory

(1) Primary Memory

इसे Main Memory, Internal Memory के नाम से भी जाना जाता है। यह Computer की वह मेमोरी है, जो सीधे CPU से संर्पक रखता है तथा हर समय कम्प्यूटर से जुड़ा रहता है। Primary Memory मुख्यतः इलेक्ट्रानिक (Electronic) या सेमीकंडक्टर (Semiconductor) मेमोरी होती है।, इनमें इंटीग्रेटेड सर्किट (IC-Integrated Circuit) का प्रयोग किया जाता है। जो सिलिकान चिप के बने होते है। इसके विकास का श्रेय जैक किल्बी (Jack Kilby) को जाता है। Primary Memory के तीन Part होते है।

1. RAM (Random Access Memory)

2. ROM (Read Only Memory)

3. Cache Memory

(1) RAM (Random Access Memory):

यह एक अस्थायी (Volatile) मेमोरी है जहां डाटा और सूचनाओं को अस्थायी तौर पर रखा जाता है। इसमें Store Data को बदला जा सकता है। कम्प्यूटर की पॉवर सप्लाई बंद कर देने पर रैम में Store डाटा समाप्त हो जाता है। आजकल बाजार में 512 MB, 1GB (Gigabyte गीगा बाइट) तथा 2GB क्षमता के रैम उपलब्ध है। इन रैमचिप्स’ को मदरबोर्ड पर बने ‘सिम्स’ (SIMMs- Single Inline Memory Modules) मे लगाया जाता है। जिसे RAM Slot भी कहते हैं।

रैम को मुख्यतः दो भागों में बाटा जाता है।

A- डायनमिक रैम (Dynamic RAM)

B- स्टैटिक रैम (Static RAM)

(2) ROM (Read Only Memory):

यह एक स्थायी (Non Volatile) मेमोरी है जिसमें Store डाटा व सूचनाएं स्वयं नष्ट नहीं होती हैं तथा उन्हें बदला भी नही जा सकता। ROM में सूचनाएं Computer निर्माण के समय ही भर दी जाती है तथा कम्प्यूटर इन्हें केवल पढ़ सकता है, इनमें परिवर्तन नहीं कर सकते है। कम्प्यूटर की

सप्लाई बंद कर देने पर भी ROM में सूचनाएं बनी रहती है। ROM का प्रयोग स्थायी प्रकृति के प्रोग्राम तथा डाटा को Store करने के लिए किया जाता है। ROM निम्न प्रकार के होते है।

1. PROM (Programmable Read Only Memory)

2. EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)

3. EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)

(1) PROM (Programmable Read Only Memory):

यह एक विशेष प्रकार का ROM है जिसमें एक विशेष प्रक्रिया द्वारा उपयोगकर्ता के अनुकूल डाटा को प्रोग्राम किया जा सकता है। एक बार प्रोग्राम कर दिए जाने के बाद यह सामान्य ROM की तरह व्यवहार करता है।

(2) EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory):

इस प्रकार के ROM पर पराबैगनी किरणों (Ultra Violet Rays) की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है। इसके लिए EPROM को सर्किट से निकालना पड़ता है। इसे अल्ट्रा वायुलेट EPROM (Ultra Violet EPROM) भी कहते हैं।

(3) EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory):

इस तरह के ROM को सर्किट से निकाले बिना इस पर उच्च विद्युत विभव की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है। इसका उपयोग मुख्यतः अनुसंधान में किया जाता है। वर्तमान में, द्वितीयक मेमोरी के रूप में EEPROM का उपयोग बढ़ रहा है। इसे फ्लैश मेमोरी (Flash Memory) भी कहा जाता है। इसका प्रयोग अनेक आधुनिक युक्तियों जैसे – डिजिटल कैमरा, लैपटाप, स्मार्टफोन आदि में किया जा रहा है। यह एक सस्ती युक्ति है तथा इसमें विषम परिस्थितियों में भी डाटा को सुरक्षित रखने की क्षमता है।

(3) कैश मेमोरी (Cache Memory):

मेमोरी से डाटा प्राप्त करने की गति सीपीयू के डाटा प्रोसेस करने की गति से काफी धीमी होती है। मेमोरी – प्रोसेसर के बीच इस गति अवरोध (Speed Mismatch) को दूर करने के लिए कैश मेमोरी का प्रयोग किया जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी और सीपीयू (CPU) के बीच एक अत्यंत तीव्र मेमोरी है जहां बार-बार प्रयोग में आने वाले डाटा और निर्देशों को संग्रहित किया जाता है। कैश मेमोरी की गति तीव्र होने के कारण प्रोसेसर की गति में वृद्धि होती है।

(2) Secondary or Auxiliary Memory:

इसे External Memory ‘or’ Auxiliary Memory भी कहा जाता है। Secondary Memory में डाटा और सूचनाओं को बड़ी मात्रा में Store करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह साधारणतः कम्प्यूटर सिस्टम के बाहर स्थित होता है। इसे स्थायी मेमोरी (Permanent Memory) भी कहा जाता है। Ex:- CD, DVD, Pen drive, Memory card, Hard Disk Drive etc.

Bit:- यह Computer की सबसे छोटी इकाई होती है। एक Bit एक Binary Digit (0,1) के बराबर होता है।

I Bit = 1 Binary Digit

4 Bit = 1Nibble

8 Bit = 1Byte

1024 Byte = 1 KB (Kilo Byte)

1024 KB = 1 MB (Mega Byte)

1024 MB = 1 GB (Giga Byte)

1024 GB = 1 TB (Tera Byte)

1024 TB = 1PB (Peta Byte)

1024 PB = 1 EB (Exa Byte)

1024 EB = 1 ZB (Zetta Byte)

1024 ZB = 1 YB (Yotta Byte)

1024 YB = 1 BB (Bronto Byte)

1024 BB = 1 Geop Byte

Geop Byte Computer Memory का सबसे बड़ा मात्रक है।

क्रमानुसार मेमोरी (Sequential Access Memory):

इसमें रखे गये सूचना या डाटा को क्रमानुसार ही पढ़ा जा सकता है। इस कारण इस मेमोरी से डाटा को पढ़ने में समय अधिक लगता है। इस कारण इसका उपयोग ऐसी जगह किया जाता है। जहाँ लगभग सभी डाटा को प्रोसेस करने की जरूरत पड़ती है। जैसे- पे रोल (Pay Roll), बिजली का बिल बनाना आदि ।

मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape):

यह क्रमानुसार मेमोरी का उदाहरण है। इसमें एक प्लास्टिक रिबन पर चुम्बकीय पदार्थ (आयरन आक्साइड या क्रोमियम डाई आक्साइड) की परत चढ़ी रहती है जिसे विद्युतीय हेड से प्रभावित कर डाटा स्टोर किया जाता है।

डायरेक्ट एक्सेस मेमोरी (Direct Access Memory):

इसमें रखे गये सूचना या डाटा को सीधे पढ़ा जा सकता है इस कारण डाटा को पढ़ने में समय कम लगता है। जैसे CD, DVD, Pen drive, Hard Disk etc.