Introducation.स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त पर शायरी: यदि आप 15 अगस्त पर देश प्रेम शब्दों से जाहिर करना चाहते हैं तो ऐसे में यहां दिए गए शायरी आपके बेहद काम आ सकते हैं. यह शायरी आपको लोगों के बीच प्रसिद्ध कर देंगे.
बुझा है जिस आंगन का चिराग
उस घर की दिवारे भी रोयी हाेंगी,
खोया है जिन मांओ ने लाल अपना
न जाने वो माये कैसे सोयी होंगी,
कतरा- कतरा बहे खून का
अब आखिर हिसाब देगा कौन
क्यों ना भड़के मेरे सीने में भी आग
आखिर कब तक कोई रहेगा मौन
छलनी किया जिन दहशतगर्दो ने सीन
अब उन्हें उनकी औकात दिखानी होगी
भूलना नहीं कर्ज ए देश जवानों का
बात ये उनके घर मे घुसकर सीखनी होगी।
मैं वो हवा हूं जो तूफान साथ लेकर चलता हूं,
अपने मुल्क के खातिर कफन साथ लेकर चलता हूं,
मुझे क्या डराओगे मेरे दुश्मन,
मैं दिल में बसा के हिंदुस्तान चलता हूं।
मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूं,
यहां की मिट्टी का ही गुणगान करता हूं,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफन मेरा यही अरमान रखता हूं।
कुछ तो खास है इस मिट्टी में,
एक अलग ही एहसास है इस मिट्टी में,
यूं ही हंसते हुए मौत के मुंह में नहीं जाते,
देशभक्ति की प्यास है इस मिट्टी में।
वो मर के भी अमर हो जाते हैं,
भारत मां की गोद में सर रखकर सो जाते हैं,
और जिस उम्र में तुम हसीनों के दुपट्टे से लिपट कर पड़े रहते हो,
उसे उम्र में वो घर तिरंगे से लिपटकर आते है।
स्वतंत्रता दिवस पर शायरी 2024: चलो खुद को जगाएं, देशभक्ति की परिभाषा सुनाएं
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
जो बहाया पसीना मैदान में,
एक एक बूंद का हिसाब ले आएंगे,
ये भारत मां के लाल है,
यू ही पूरी दुनिया में तिरंगा लहराएंगे।
वीर जवानों की कहानी अब भी हम दोहराते हैं,
इस देश की मिट्टी के आगे ही अपना सर झुकाते हैं।
आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो खून, जो वतन के काम आता है।
दिल में बसा है तिरंगा होठों पर यह गाना है,
हम हैं दीवाने वतन के तिरंगा हमारी जान है।
ना पूछो जमाने को क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ यह है कि हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिन्दुस्तान का है
क्यों करते हो दंगो और धमाको की ये जिद्द,
खण्डित नही होगा अखण्ड है ये हिन्द
फांसी चढ़ गए और सीने पर गोली खायी,
हम उन शहीदों को प्रणाम करते हैं,
जो मिट गए देश पर, हम उनको सलाम करते हैं !
तैरना है तो समंदर में तैरों नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा है।
स्वतंत्रता दिवस पर शायरी 2024: चलो खुद को जगाएं, देशभक्ति की परिभाषा सुनाएं
आन देश की शान देश की देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान है !
कुछ तो बात है मेरे देश की मिट्टी में साहेब,
सरहदें कूद के आते हैं यहां दफ़न होने के लिए।
छोडो कल की बातें,
कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे,
मिल कर नयी कहानी हम हिन्दुस्तान लिखेंगे..!
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती..!
वो अब पानी को तरसेंगे जो गंगा छोड़ आये हैं,
हरे झंडे के चक्कर में तिरंगा छोड़ आये हैं।
आन देश की शान देश की देश
की हम संतान हैं तीन रंगों से रंगा
तिरंगा अपनी ये पहचान है
जिसका ताज हिमालय है, जहां
बहती है गंगा, जहां अनेकता में
एकता है, सत्यमेव जयते जहाँ
नारा है, वह भारत देश हमारा है..
ख़ूबसूरत ख़्वाब आंखों में सजाने चाहिए,
हो चमन आबाद ऐसे गुल खिलाने चाहिए।
सीने में है जुनून और होठों पे वंदे मातरम,
वो देश के लिए जिए और देश के लिए मरे।
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।
ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का, मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना ये देश है दुनिया का गहना।
मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है
देश की रक्षा का संकल्प जो सच्चे दिल से लिया है।