अपनी एक ही पहचान है हस्ता चेहरा शराबी आँखें नवाबी शान और दोस्तों के लिए जान
मेरे लफ़्ज़ों को इतने गौर से ना पढ़ा करो दोस्तों कुछ याद रह गया तो मुझे भूल नहीं पाओगे।
तेरी मेरी दोस्ती पर लाखों हँसि कुर्बान एक तो तू बिन्दास उसमे हम तीनो जाकाश
आसमान से तोड़ कर सितारा दिया है आलम-ए-तन्हाई में एक शरारा दिया है मेरी किस्मत भी नाज़ करती है मुझपे खुदा ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया है।