अपनी दोस्ती का बस इतना सा असूल है
जब तू कबूल है तो तेरा सब कुछ कबूल है
एक ताबीज़ हमारी गहरी दोस्ती को चाहिए
जरा सी दिखी नहीं कि नज़र लगने लगती हैं
स्कूल के दोस्त कितने भी कमीने हो
स्कूल बंद होने के बाद उनकी याद बहुत आती है
कमजोरिया मत खोज मुझ में मेरे दोस्त
एक तु भी शामेल है मेरी कमजोरियों में