तू कितनी भी खूबसूरत क्यूँ न हो ऐ ज़िंदगी
खुशमिजाज़ दोस्तों के वगैर तू अच्छी नहीं लगती।
दोस्ती में अनजान से रिश्ते भी बेहद करीब हो जाते है
बिन कुछ कहे हमारे सारे दर्द हमसे चुरा ले जाते है।
तेरी ख़ामोशी भी समझ लेता हूँ,
यही तो है दोस्ती का असली मज़ा।
मेरे पास कमीनो की फ़ौज है,
तभी तो ज़िन्दगी में मौज है।