फिज़ा में महकती शाम हो तुम, प्यार में झलकता जाम हो तुम, सीने में छुपाए फिरते हैं चाहत तुम्हारी, मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम।

ना बंधन है, ना फेरे हैं, एक एहसास है जिसमें हम तेरे हैं।

तुमने देखे होंगे हजारों ख्वाब, मैंने तो बस तुमको देखा है

दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो, सब कुछ कबूल है अगर साथ तेरा हो।