यहाँ करवा चौथ के बारे में 10 थ्य दिए गए हैं:

करवा चौथ कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है

महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं (पानी भी नहीं पीती हैं)

व्रत का उद्देश्य पति की लंबी उम्र की कामना करना है

व्रत की शुरुआत "सरगी" खाने से होती है, जो सास से मिलती है

पूजा में करवा (मिट्टी या तांबे का पात्र) का खास महत्व है

चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता है

महिलाएं छलनी से चंद्रमा और फिर पति का चेहरा देखती हैं

सोलह श्रृंगार कर के महिलाएं पूजा करती हैं

इस दिन शिव-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की पूजा भी होती है

अविवाहित कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं