लोग पूछते हैं इतने गम में भी खुश क्यु हो,
मैने कहा दुनिया साथ दे न दे मेरा दोस्त तो साथ है
करनी है खुदा से गुजारिश, तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा, या फिर कभी जिंदगी न मिले
आसमान से तोड़ कर सितारा दिया है, आलम-ए-तन्हाई में एक शरारा दिया है,
मेरी किस्मत भी नाज़ करती है मुझपे, खुदा ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया है!
ज़माने भर को मुबारक ख़ुशी का आलम हो
हमारे वास्ते ऐ दोस्त तुम कहाँ कम हो.