सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं,
अनादि शिव हैं, ओंकार शिव हैं,
शिव ही ब्रह्म, शिव ही शक्ति हैं।
विश्व का कण कण शिव मय हो,
अब हर शक्ति का अवतार उठे।
जल, थल और अंबर से फिर
बम बम भोले की जय जयकार उठे।”
“एक पुष्प, एक बेलपत्र,
एक लोटा जल की धार,
कर दे सबका उद्धार।
इंद्रधनुष के रंग बादलों की छाया
सावन ने फिर से प्यार का मौसम लाया