हम भक्त हैं उनके, हम पर भोलेनाथ का साया, हमारे भोले ही सबकुछ, बाकी तो सब मोह माया।”

“मंदिर की घंटी, आरती की थाली, नदी के किनारे सूरज की लाली, ज़िंदगी लाए खुशियों की बहार,

“अदभुत भोले तेरी माया, अमरनाथ में डेरा जमाया नीलकंठ में तेरा साया, तू ही मेरे दिल में समाया।”

“चारों ओर हे खुशियां छाई, मन मंदिर में भोले की छवि है पाई। यू ना जाने दूंगा अपने भोलेनाथ को, जब मिलू उस पार तब तुम्हारा साथ हो।”