वो आँखों से यूँ शरारत करते हैं, अपनी अदा से भी कयामत करते हैं, निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं, और वो हमारी नजरों से शिकायत करते हैं
हर आहट पर तेरी ही तलाश है, आँखों को तेरी ही प्यास है, ना याद आओ इतना, कि दिल हमेशा पूछे, धड़कन किसके पास है
मत पूछ की कितनी मोहब्ब्त है… तुमसे ये बेखबर,, बारिश की बूंदे भी तुझे छू लें,, तो हम बादलों से जलने लगते हैं
किसी न किसी को किसी पर एतबार हो जाता है एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है
कुछ लोग प्यार करते हैं निभाने के लिए कुछ लोग प्यार करते हैं भूल जाने के लिए प्यार तो ऐसा करो कि दोनो तड़पे एक दूसरे के पास आने के लिए
बहुत खूबसूरत है उनके इंतजार का आलम… बेकरार सी आँखों में इश्क़ बेहिसाब लिए बैठे हैं