Dussehra 2025: तारीख, शुभ मुहूर्त, महत्व और परंपराएं – जानें विजयदशमी कब और कैसे मनाएं
Dussehra 2025: तारीख, शुभ मुहूर्त, महत्व और परंपराएं – जानें विजयदशमी कब और कैसे मनाएं
Dussehra 2025: दशहरा 2025 भारत में 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। जानें दशहरा (विजयदशमी) का शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि, रावण दहन का महत्व, शस्त्र पूजा की परंपरा और इस पर्व से जुड़ी पौराणिक कथाएं। अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा क्यों है खास, पढ़ें पूरी जानकारी।
दशहरा 2025: तारीख, शुभ मुहूर्त, महत्व और परंपरा – जानिए क्यों खास है विजयदशमी

दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं 2025 में दशहरा कब है, इसका शुभ मुहूर्त, ऐतिहासिक महत्व और इसे मनाने की परंपराएं।
दशहरा 2025 कब है?
साल 2025 में दशहरा का त्योहार 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है।
दशहरा 2025 का शुभ मुहूर्त
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:15 बजे से 3:03 बजे तक
- अपराह्न मुहूर्त: 1:27 बजे से 3:50 बजे तक
- दशमी तिथि: 1 अक्टूबर शाम 7:01 बजे से 2 अक्टूबर शाम 7:10 बजे तक रहेगी।
#दशहरा क्यों मनाते हैं?
रामायण के अनुसार: इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया था।
इसी उपलक्ष्य में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है। यह अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।
दुर्गा पूजा: पूर्वी भारत में दशहरा के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
यहां यह पर्व दुर्गा पूजा के समापन के रूप में मनाया जाता है।
कृषि और समाज: दशहरा के समय किसान अपनी नई फसल पाते हैं और ईश्वर का धन्यवाद करते हैं।
दशहरा का महत्व
- यह पर्व हमें सिखाता है कि असत्य, अन्याय और बुराई पर अंततः सत्य, न्याय और अच्छाई की ही विजय होती है।
- दशहरा के दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत को अत्यंत शुभ माना जाता है।
- देशभर में रामलीला का मंचन, शस्त्र पूजा, और पुतला दहन जैसे आयोजन होते हैं जो समाज में नैतिकता, वीरता और एकता का संदेश देते हैं।
कैसे मनाते हैं दशहरा?
- रामलीला: देश के कई हिस्सों में रामलीला का मंचन होता है, जिसमें भगवान राम के जीवन की घटनाओं को दिखाया जाता है।
- रावण दहन: शाम को रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का दहन किया जाता है।
- शस्त्र पूजा: क्षत्रिय और कई परिवार इस दिन अपने शस्त्रों और औजारों की पूजा करते हैं।
- दुर्गा विसर्जन: पूर्वी भारत में इस दिन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
निष्कर्ष
दशहरा 2025 में 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
यह पर्व न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
दशहरा हमें हर साल यह याद दिलाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो,
अंत में जीत अच्छाई की ही होती है।
आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं!