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Taraweeh ki Dua or Namaz ka Tarika: रमज़ान में तरावीह की दुआ से लेकरनियत करने का सही तरीका यहां जानें

On: March 28, 2025 1:56 PM
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Taraweeh ki Dua

Taraweeh ki Dua : “तरावीह नमाज़ की विशेष दुआ (तस्बीह) जानें – अरबी, हिंदी और इंग्लिश में!
रमज़ान की इबादतों में इस दुआ को पढ़कर पाएं
अल्लाह का विशेष सवाब। #तरावीहदुआ रमज़ानइबादत”

तरावीह की नमाज़ को पढ़ने का तरीक़ा

Taraweeh ki Dua
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तरावीह रमज़ान के महीने में पढ़ी जाने वाली एक सुन्नत नमाज़ है,
जो इशा की नमाज़ के बाद और विट्र से पहले अदा की जाती है।
यह 20 रकात (10 सलाम के साथ) होती है,
जिसे जमाअत के साथ मस्जिद में या अकेले घर पर भी पढ़ा जा सकता है।
हर चार रकात के बाद थोड़ा आराम (तरवीहा) किया जाता है,
जिससे यह नमाज़ आसानी से अदा हो सके।
इसमें पूरा क़ुरआन सुनने की भी सुन्नत है। नियत, तकबीर,
रकात का तरीक़ा सामान्य नफ्ल नमाज़ की तरह ही होता है।

तरावीह की नमाज़ की दुआ ( तस्बीह) हिंदी, इंग्लिश और अरबी में

अरबी:
سُبْحَانَ ذِي الْمُلْكِ وَالْمَلَكُوتِ، سُبْحَانَ الْعَزِيزِ الْعَظِيمِ
हिंदी:
“पूर्ण पवित्र है वह, जिसके पास सारी बादशाही और हुकूमत है।
पाक है वह जो सब पर ग़ालिब और बड़ा है।”
English:
“Glory to the Owner of the Kingdom and the Dominion,
Glory to the Almighty, the Magnificent.”
यह दुआ हर चार रकात के बाद पढ़ी जाती है।
#तरावीह में इसे याद रखकर अज़मत के साथ पढ़ें!

तरावीह की नमाज़ सुन्नत है या नफील?

तरावीह नमाज़ सुन्नत-ए-मुअक्कदा है,
जिसे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने रमज़ान में ख़ास तौर पर अदा किया
और सहाबा को जमाअत के साथ पढ़ने की प्रेरणा दी।
हदीसों में इसकी बड़ी फ़ज़ीलत बताई गई है।
हालांकि यह फ़र्ज़ या वाजिब नहीं,
लेकिन इसे छोड़ना सुन्नत की अनदेखी माना जाता है।
इसलिए रमज़ान में तरावीह ज़रूर पढ़ें!

क्या तरावीह की नमाज़ पढ़ना अनिवार्य (फर्ज) है?

नहीं, तरावीह नमाज़ फर्ज़ या वाजिब नहीं, बल्कि सुन्नत-ए-मुअक्कदा है।

यह रमज़ान की खास इबादत है,

जिसे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने नियमित पढ़ा और सहाबा को भी प्रोत्साहित किया।

हालांकि छोड़ने पर गुनाह नहीं, लेकिन इसकी फज़ीलत (पुण्य) बहुत है।

रमज़ान में तरावीह पढ़कर अल्लाह का विशेष सवाब पाएं!

तरावीह में पढ़ी जाने वाली 10 सुरह कौन सी हैं?


#सूरह अल-बकरा
सूरह आल-ए-इमरान
सूरह अल-कहफ
#सूरह यासीन
सूरह अर-रहमान
#सूरह अल-वाक़िआ
सूरह अल-मुल्क
# सूरहअल-क़द्र
#सूरह अज़-ज़िल्ज़ाल
#सूरह अन-नास

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