Eid al-Fitr 2025: 31 मार्च या 1 अप्रैल कब है ईद? जानें ईद-उल-फितर की सही तारीख
Eid al-Fitr 2025: 31 मार्च या 1 अप्रैल कब है ईद? जानें ईद-उल-फितर की सही तारीख
Eid al-Fitr 2025 : “ईद-उल-फितर 2025 का त्योहार चांद के दीदार के अनुसार 31 मार्च या 1 अप्रैल को मनाया जाएगा।
यह खुशी, दान और भाईचारे का पर्व है, जिसमें नमाज़, मिठाइयाँ और आपसी स्नेह साझा किया जाता है।”
ईद की तारीख कैसे तय होती है?

ईद की तारीख चंद्र कैलेंडर के अनुसार तय होती है।
इस्लामी महीना चांद के दिखने पर निर्भर करता है।
रमज़ान के 29वें दिन चांद देखने की कोशिश की जाती है।
अगर चांद दिख जाता है, तो अगले दिन ईद होती है,
वरना रमज़ान 30 दिन का होता है और उसके बाद ईद मनाई जाती है।
अलग-अलग देशों में चांद दिखने का समय अलग हो सकता है,
इसलिए ईद की तारीख स्थान के अनुसार बदल सकती है
चांद के दीदार के बाद मनाई जाती है ईद
ईद इस्लामी कैलेंडर के अनुसार चांद के दीदार के बाद मनाई जाती है।
रमज़ान के आखिरी रोज़ा खत्म होने के बाद 29वें दिन चांद देखने की परंपरा होती है।
यदि चांद दिख जाता है, तो अगले दिन ईद मनाई जाती है।
यह खुशी और भाईचारे का त्योहार है, जिसमें लोग नमाज़ अदा करते हैं
और एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं।
सऊदी अरब में कब दिखेगा ईद का चांद?

Eid al-Fitr 2025
सऊदी अरब में ईद-उल-फितर की तिथि चांद के दीदार पर निर्भर करती है।
रमज़ान के 29वें दिन, जो इस वर्ष 29 मार्च 2025 को है,
चांद देखने का प्रयास किया जाएगा। यदि इस दिन चांद दिखाई देता है,
तो ईद 30 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। अन्यथा, रमज़ान 30 दिनों का होगा,
और ईद 31 मार्च 2025 को मनाई जाएगी।
अतः, सऊदी अरब में ईद का चांद 29 मार्च की शाम को देखने की संभावना है।
भारत में कब मनेगी ईद?
भारत में ईद-उल-फ़ित्र का पर्व चंद्र दर्शन पर निर्भर करता है।
रमज़ान के 29वें दिन, जो इस वर्ष 30 मार्च 2025 को है,
चांद देखने का प्रयास किया जाएगा। यदि इस दिन चांद दिखता है,
तो ईद 31 मार्च 2025 को मनाई जाएगी; अन्यथा, रमज़ान 30 दिन का होगा,
और ईद 1 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।
अतः, ईद की सटीक तिथि चंद्र दर्शन के आधार पर निर्धारित होगी।
ईद-उल-फितर कैसे मनाते हैं?

ईद-उल-फितर खुशी और भाईचारे का त्योहार है,
जिसे रमज़ान के पूरे महीने के रोज़े रखने के बाद मनाया जाता है।
इस दिन लोग सुबह मस्जिदों में ईद की नमाज़ अदा करते हैं
और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं। नमाज़ से पहले फितरा (दान) दिया जाता है,
जिससे जरूरतमंदों की मदद हो सके। लोग नए कपड़े पहनते हैं,
एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देते हैं और मीठे पकवान,
खासकर सेवइयां, खाते हैं। यह दिन प्रेम और सौहार्द का संदेश देता है।