अकेलेपन में खोई शायरी: ज़िन्दगी के दर्द भरे लम्हों का एहसास
अकेलेपन में खोई शायरी: ज़िन्दगी के दर्द भरे लम्हों का एहसास
अकेलेपन में खोई शायरी : अकेलेपन की गहराइयों को छूती दर्द भरी शायरी – तन्हाई,
टूटे दिल, खालीपन और ज़िंदगी के कड़वे सच को शब्दों में पिरोती हुई
पढ़िए आत्मीय भावनाओं को व्यक्त करती ये हृदयस्पर्शी शेर-ओ-शायरी।
Akelepan zindagi dard bhari shayari | ज़िन्दगी दर्द भरी शायरी

तनहा हूँ मैं इस शहर में, कोई साथ नहीं,
दर्द छुपा है आँखों में, कोई बात नहीं।
ज़िंदगी बस एक सिलसिला है ग़मों का,
मौत से पहले ही, ये मौत की रात नहीं।
दर्द मिला है बहुत ज़िंदगी ने मुझको,
हर खुशी छीन ली, हर आस छीन ली।
अकेलेपन ने कर दिया बेज़ार मुझे,
अब तो ये रूह भी मेरी बेज़ार है।

रातें लम्बी हैं और दिन उदास हैं,
हर साँस में अब दर्द का आलम है।
ज़िंदगी ने तोड़ दिया मुझको बार-बार,
अब तो लगता है ये मेरा ही दोष है।
अकेले हैं हम, अकेली है ये ज़िंदगी,
दर्द ही दर्द है, कोई सुकून नहीं।
हर चेहरे पे मासूमियत थी कभी,
अब तो हर नज़ारा एक सन्नाटा है।
दर्द की दुनिया में जी रहा हूँ अब मैं,
खुशियाँ तो बस एक सपना हो गईं।
ज़िंदगी ने दिया सिर्फ़ ग़म ही ग़म,
अब तो आदत सी हो गई है रोने की।
तन्हाई का दर्द (Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari)

अकेलेपन में खोई शायरी
तन्हाई इतनी गहरी है दिल में अब,
कि ख़ुद से भी बातें करने को जी चाहता है…
रातें लम्बी हैं और दर्द छोटा नहीं,
अकेलेपन का कोई हिसाब नहीं…
चुप रहने से पहले इतना बोल लो,
कि मेरी सन्नाटे को भी तरस आए…
ज़िन्दगी ने दिया सिर्फ़ ग़म ही ग़म,
अब तो आदत सी हो गई है रोने की…
तुम नहीं हो, बस तुम्हारी यादें हैं,
वरना हर पल यहाँ तन्हाई क्यों होती…
अकेलेपन और जिंगदी के दर्द की सच्चाई को बयां करती शायरी

अकेलापन सिखा गया ज़िंदगी का असली मतलब,
खुशियाँ तो बस दिखावा थीं, दर्द ही था असली हिसाब।
रोया नहीं तो समझ लेना दर्द कम नहीं हुआ,
बस आँसू खत्म हो गए, गम कम नहीं हुआ।
ज़िंदगी ने दिया इतना दर्द कि अब तो आदत सी हो गई,
मुस्कुरा भी दो तो लगता है ये कोई नाटक तो नहीं।
तन्हाई में सोचता हूँ क्या खोया क्या पाया,
ज़िंदगी तो बस एक खालिस धोखा है भाया।
लोग कहते हैं वक्त सब ठीक कर देता है,
पर ये वक्त ही तो है जो चुपके से रुला देता है।
Akelapan Zindagi Dard Bhari Shayari in Hindi

तन्हाई की रातें लम्बी हो गई हैं,
दिल में ग़म का साया गहरा हो गया है,
ज़िन्दगी अब बस एक बोझ सी लगती है…
ख़ामोशियाँ मेरी दोस्त बन गई हैं,
दर्द ने घर कर लिया है दिल में,
अब तो आँसू भी साथ छोड़ गए…
अकेलेपन का दर्द समझो तो जानो,
ये कोई बीमारी नहीं, ज़िन्दगी की सच्चाई है,
हर चेहरे पे मुस्कान, पर दिल में उदासी है…
रोना भी गुनाह लगता है अब,
हँसना भी बेमानी सा लगता है,
ज़िन्दगी बस ढोंग बनकर रह गई है…
दर्द इतना गहरा है दिल में छुपा हुआ,
खुशियाँ तो बस दिखावा हैं मेरे,
असली मैं तो अंदर ही अंदर घुट रहा हूँ…