Raksha bandhan poem: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव
Raksha bandhan poem: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव
Raksha bandhan poem भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव जो भाई-बहन के संबंधों की मिठास को बयां कर,ती है। जानें त्योहार की महत्ता, भावनाएं और रिश्ते की अनकही बातें—सबकुछ 500 शब्दों में इस Hindi ब्लॉग में।
Raksha bandhan poem: भाई-बहन का अनमोल रिश्ता
हर साल सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाता है, जो भाई और बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का त्योहार है। यह सिर्फ राखी बांधने की रस्म नहीं, बल्कि रिश्तों की डोर को गहराई से महसूस करने का अवसर है। आइये, इसी पावन अवसर पर एक सुंदर कविता के माध्यम से भाई-बहन के जज़्बातों को महसूस करें।

राखी की डोरी, रिश्तों की बातें
(Raksha bandhan poem)
छोटी-सी थी, नन्हें कदमों से चलती,
भैया के पीछे हरदम मचलती।
उसने चिढ़ाया, कभी हंसाया,
कभी-कभी हाँ, चोरी से रुलाया।

बचपन की हरकते, और वो तकरार,
माँ की डाँट में छुपना एक-दूजे के प्यार।
कभी किताबें, कभी चॉकलेट की माँग,
फिर भी दोनों के चेहरे पर खुशी की तरंग।

सावन की उस ठंडी शाम में,
बहन ने राखी थामी थी अपने हाथ में।
भैया ने वादा किया था,
हर मुश्किल में साथ निभाएगा हमेशा ज़िंदगी भर।

धागों का बंधन, दिलों का रिश्ता,
रिश्तों के समंदर में सबसे गहरा हिस्सा।
हर बार बहन की आँखों में उम्मीदें,
भैया की गोद में सबसे सुरक्षित सीमाएँ।

राखी बांध, बहन ने मुस्कराया,
भैया ने तोहफा देकर प्यार जताया।
रिश्ते यूँ ही नाज़ुक, तो कभी मजबूत,
इन्हें हर त्योहार पर मिले नए जोश का जोड़।

समय बदला, चेहरे बदले,
लेकिन राखी की परंपरा ना बदली।
दूर रहकर भी, दिलों की दूरी ना आई,
हर रक्षाबंधन पर वही मिठास छाई।

रक्षाबंधन की भावना
रक्षाबंधन सिर्फ धागों से नहीं, भावनाओं से बंधा पर्व है। राखी में बंधी विशुद्ध प्रार्थना,
भाई की लंबी उम्र और बहन की खुशियों का आशीर्वाद छुपा होता है। आज के डिजिटल युग में भी बहनें ऑनलाइन राखी भेजती हैं, लेकिन उस चिट्ठी,
उस प्यार की महक हमेशा ताजा रहती है।

भाई-बहन का रिश्ता सबसे प्यारा, सबसे सच्चा और सबसे मजबूत होता है।
रक्षाबंधन इस रिश्ते को उत्सव की तरह मनाने का सबसे खूबसूरत मौका है। अपने भाई या बहन के साथ मिलकर इस कविता को पढ़ें और अपने बचपन की यादों को फिर से संजोयें।