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Shaligram Kya hai: क्या है शालिग्राम पत्थर, कैसे बनता है और क्यों पूजा जाता है जानें विस्तार से?

Shaligram Kya hai
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Shaligram Kya hai: क्या है शालिग्राम पत्थर, कैसे बनता है और क्यों पूजा जाता है जानें विस्तार से?

Shaligram Kya hai : शालिग्राम क्या है? शालिग्राम भगवान विष्णु का दिव्य स्वरूप है,
जो नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है। यह काले रंग का पवित्र पत्थर होता है,
जिसमें शंख, चक्र, गदा और पद्म के चिह्न बने होते हैं।
इसकी पूजा से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है

यहां स्थित है शालिग्राम का एकमात्र मंदिर

Shaligram Kya hai
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शालिग्राम भगवान विष्णु का दिव्य स्वरूप माना जाता है,
और इनका एकमात्र प्रसिद्ध मंदिर नेपाल के मुक्तिनाथ धाम में स्थित है।
यह मंदिर हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है।
मुक्तिनाथ मंदिर नेपाल के मुस्तांग जिले में स्थित है और इसे भगवान विष्णु का दिव्य धाम माना जाता है।
यहां प्राकृतिक रूप से प्राप्त शालिग्राम शिला भगवान विष्णु के प्रतीक रूप में पूजी जाती है।
मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
इस मंदिर के पास 108 जलकुंड हैं, जिनमें स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भक्त यहां भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
यह स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

शालिग्राम ऐसा होता है और यहां मिलता है

शालिग्राम एक दिव्य और पवित्र पत्थर है, जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है।
यह विशेष रूप से काले रंग का होता है और इसमें प्राकृतिक रूप से चक्र या शंख जैसी आकृतियाँ बनी होती हैं।
हिंदू धर्म में इसे अत्यंत शुभ और पूजनीय माना जाता है।

शालिग्राम कहां मिलता है?
शालिग्राम केवल नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है।
यह नदी हिमालय से बहती है और अपने जल के साथ ये दिव्य पत्थर लाती है।
मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु ने इस स्थान को अपने वास के लिए चुना था।
शालिग्राम की पूजा से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसे घर में रखने से सुख-समृद्धि बनी रहती है।

शालिग्राम 33 प्रकार के, दिखते हैं भगवान विष्णु के अनेक रूप

शालिग्राम भगवान विष्णु का दिव्य स्वरूप है, जो नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है।
ये शिलाएं विभिन्न आकृतियों में मिलती हैं और प्रत्येक का संबंध भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों से होता है।

शालिग्राम के प्रमुख प्रकार और उनके स्वरूप
नृसिंह शालिग्राम – भगवान नृसिंह का प्रतीक, रक्षा और शक्ति का प्रतीक।

वराह शालिग्राम – वराह अवतार का स्वरूप, जीवन में स्थिरता लाने वाला।

कूर्म शालिग्राम – कछुआ रूपी विष्णु, धैर्य और संतुलन देने वाला।

वामन शालिग्राम – भगवान वामन का प्रतीक, ज्ञान और समृद्धि प्रदान करने वाला।

राम शालिग्राम – भगवान राम का स्वरूप, मर्यादा और धर्म का प्रतीक।

कृष्ण शालिग्राम – श्रीकृष्ण का रूप, प्रेम और भक्ति का प्रतीक।

लक्ष्मी नारायण शालिग्राम – लक्ष्मी और विष्णु का संयुक्त स्वरूप, धन और ऐश्वर्य देने वाला।

सुदर्शन शालिग्राम – भगवान विष्णु के चक्र का प्रतीक, नकारात्मकता दूर करने वाला।

इसके अलावा, मत्स्य, परशुराम, हयग्रीव, दामोदर, माधव, अनंत, गोविंद, जनार्दन, त्रिविक्रम

और कई अन्य रूपों में 33 प्रकार के शालिग्राम मिलते हैं।

प्रत्येक शालिग्राम का अलग महत्व और प्रभाव होता है।

शालिग्राम पूजन का महत्व

शालिग्राम की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है, नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं

और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे भगवान विष्णु के सर्वाधिक पवित्र स्वरूपों में से एक माना जाता है।

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