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Chaitra Navratri Ghatasthapana: चैत्र नवरात्रि 8 दिनों की, जानें कलश स्थापना की विधि, घटस्थापना

Chaitra Navratri Ghatasthapana:
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Chaitra Navratri Ghatasthapana: चैत्र नवरात्रि 8 दिनों की, जानें कलश स्थापना की विधि, घटस्थापना

Chaitra Navratri Ghatasthapana : 30 मार्च को होगी। इस दिन कलश स्थापना करके देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का आरंभ होता है।
शुभ मुहूर्त सुबह 6:14 बजे से 10:21 बजे तक है, जबकि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:02 बजे से 12:50 बजे तक रहेगा।
घटस्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होती है,
जो पूरे नौ दिन भक्तों के लिए उपवास, पूजा और भजन-कीर्तन का अवसर प्रदान करती है

कब से शुरू होंगे नवरात्र

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारम्भ 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है।
वहीं इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होने जा रहा है।
दो दिन प्रतिपदा तिथि होने के कारण लोग दुविधा में पड़ रहे हैं,
लेकिन हिंदू धर्म में उदया तिथि (जो तिथि सूर्योदय के साथ शुरू होती है) को मान्यता दी गई है।
इस प्रकार नवरात्र व्रत की शुरुआत रविवार 30 मार्च से होगी।

घटस्थापना मुहूर्त (Ghatasthapana shubh muhurat)

​2025 में चैत्र नवरात्रि का पर्व 30 मार्च, रविवार से प्रारंभ होगा।
इस दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) का विशेष महत्व है,
जो नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है। पंचांग के अनुसार,
घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:​

प्रथम शुभ मुहूर्त: 30 मार्च को सुबह 6:14 बजे से 10:21 बजे तक।​
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:02 बजे से 12:50 बजे तक।​

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त

Chaitra Navratri Ghatasthapana:
Chaitra Navratri Ghatasthapana

Chaitra Navratri Ghatasthapana

2025 में चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना (कलश स्थापना) के लिए
अभिजीत मुहूर्त का समय इस प्रकार है:

अभिजीत मुहूर्त: 30 मार्च 2025 को 12:02 बजे से 12:50 बजे तक।

8 दिनों की है नवरात्रि-

2025 में नवरात्रि का पर्व 9 दिनों का नहीं, बल्कि 8 दिनों का होगा।

यह विशेष स्थिति अमावस्या के कारण उत्पन्न होगी।

सामान्यतः नवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाती है, लेकिन 2025 में चैत्र नवरात्रि

के पहले दिन 1 अप्रैल 2025को अमावस्याकी तिथि होगी,

नवरात्रि 2025 के 9वें दिन 9 अप्रैल 2025 को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।

इस बार नवरात्रि के पूरे 8 दिन भक्त देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना करेंगे,

और 9वें दिन राम नवमी मनाई जाएगी,

जो खासतौर पर भगवान श्रीराम के जन्म की खुशी में मनाई जाती है।

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