छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय : मुंबई की अनमोल विरासत
छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय : मुंबई की अनमोल विरासत
छत्रपति शिवाजी महाराज : मुंबई के कोलाबा इलाके में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय
(पूर्वनाम प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूज़ियम) भारत के सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक संग्रहालयों में से एक है।
इसकी भव्य इमारत, दुर्लभ कलाकृतियाँ और समृद्ध इतिहास इसे पर्यटकों
इतिहासप्रेमियों के लिए एक अनिवार्य गंतव्य बनाते हैं।
आइए जानते हैं इस संग्रहालय के बारे में विस्तार से!
इतिहास: एक राजसी विरासत

इस संग्रहालय की नींव 1905 में रखी गई थी और इसका उद्घाटन 1922 में हुआ।
इसे ब्रिटिश वास्तुकार जॉर्ज विटेट ने इंडो-सारसेनिक शैली में डिज़ाइन किया था।
मूल रूप से यह प्रिंस ऑफ वेल्स के भारत दौरे की याद में बनाया गया था,
लेकिन 1998 में इसका नाम बदलकर मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया।
वास्तुकला: भारत और यूरोप का अद्भुत मिश्रण
संग्रहालय की इमारत गुंबदों, मेहराबों और नक्काशीदार स्तंभों से सजी है,
जो इसे अद्वितीय पहचान देती है। कुछ खास विशेषताएँ:
गुंबद: राजस्थानी और मुगल शैली से प्रेरित
लॉबी: इटैलियन संगमरमर से बनी हुई
बगीचा: हरा-भरा और शांत वातावरण
संग्रहालय के प्रमुख आकर्षण
प्राचीन मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ
2000 साल पुरानी गांधार कला की मूर्तियाँ
चोल और गुप्त काल की धातु मूर्तियाँ
मुगल पेंटिंग्स और जड़ाऊ हथियार
प्राकृतिक इतिहास अनुभाग
डायनासोर के जीवाश्म
दुर्लभ पक्षियों और जानवरों के नमूने
नवीन गैलरी (मॉडर्न आर्ट सेक्शन)
भारतीय और यूरोपीय चित्रकारों की कृतियाँ
हथियारों का संग्रह
मुगल और राजपूत शासकों के तलवार,
कवच और ढाल
रोचक तथ्य

यहाँ 50,000 से अधिक कलाकृतियाँ संग्रहीत हैं।
फिल्म “हीरो” (1983) की शूटिंग यहाँ हुई थी।
मुंबई का गेटवे ऑफ इंडिया इसके सामने ही स्थित है।
यात्रा की जानकारी
स्थान: कोलाबा, मुंबई
समय: सुबह 10:15 से शाम 6:00 बजे तक (सोमवार बंद)
टिकट: भारतीयों के लिए ₹85, विदेशियों के लिए ₹500
निकटतम स्टेशन: छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST)
यह संग्रहालय न केवल कला और इतिहास का खजाना है,
बल्कि मुंबई की गौरवशाली धरोहर भी है।
अगर आप भारत की समृद्ध संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं,
तो यहाँ जरूर आएँ!