राम नवमी कब है 2025 में? जानें पूजा का शुभ समय और पर्व का महत्व
राम नवमी कब है 2025 में? जानें पूजा का शुभ समय और पर्व का महत्व
राम नवमी : भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है।
यह दिन सत्य, धर्म और न्याय की विजय का प्रतीक है।
#राम नवमी पर भक्त श्रीराम की पूजा, उपवास और भजन-कीर्तन करते हैं,
जिससे पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह पर्व आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है।
राम नवमी का उत्सव क्यों मनाया जाता है?

#राम #नवमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है,
जो भगवान श्रीराम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की#नवमी को आता है।
भगवान राम को धर्म, मर्यादा और सत्य का प्रतीक माना जाता है।
अयोध्या में राजा दशरथ के घर भगवान राम का जन्म हुआ था,
इसलिए इस दिन को विशेष रूप से अयोध्या में भव्य रूप से मनाया जाता है।
इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, रामचरितमानस का पाठ करते हैं
और झांकियां सजाई जाती हैं। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
राम नवमी 2025 की सही तिथि और समय

राम नवमी कब है
#राम नवमी, भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है।
2025 में #राम नवमी 6 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7:26 बजे प्रारंभ होगी
6 अप्रैल को शाम 7:22 बजे समाप्त होगी।
#राम नवमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
मध्याह्न मुहूर्त: 11:08 बजे से 1:39 बजे तक
मध्याह्न का क्षण: 12:24 बजे
इन समयावधियों में भगवान श्रीराम की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, रामायण का पाठ करते हैं
और भजन-कीर्तन के माध्यम से प्रभु श्रीराम की स्तुति करते हैं। #राम नवमी का पर्व सत्य, धर्म और मर्यादा का प्रतीक है,
जो समाज में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार करता है
राम नवमी के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:34 बजे से 05:20 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 बजे से 03:20 बजे तक
गोधूलि बेला: शाम 06:41 बजे से 07:03 बजे तक
निशीथ काल: रात 12:00 बजे से 12:46 बजे तक
#राम नवमी का धार्मिक महत्व
#राम नवमी का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
श्रीराम ने धरती पर अवतार लेकर धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश किया।
#राम नवमी के दिन भक्त श्रीराम के आदर्शों का पालन करने का संकल्प लेते हैं।
इस दिन उपवास, पूजा, भजन-कीर्तन और रामायण का पाठ करके श्रद्धालु अपनी आत्मा की शुद्धि करते हैं।
इसे पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता है।
#राम नवमी हिन्दू धर्म में सत्य, धर्म, और न्याय की विजय का प्रतीक है।